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Sunday, January 17, 2010

Bhabhi Nee Jeena Haraam Keeya......

हाय मैं सुरेश मेरी उम्र २० वर्ष है आपके लिये मै एक ऐसे स्टोरी लेकर आया हूँ जिसे पढकर आपका मन चोदने और चुदवाने का करने लगेगा

मेरे घर में चार भाई है और मेरे पिताजी है माँ का देहांत तब ही हो गया था
जब मेरी उम्र ९ साल की थी। मेरे दो भाई मुंबई में सॉफ्टवेर इन्जिनेअर है
जबकि सबसे बड़ा भाई हमारे साथ ही जालंधर में रहता है। मेरे भाई की शादी
हुई तो मैं बड़ा खुश हुआ कि जो माँ का प्यार माँ से नहीं मिला वह भाभी से
मिल जायेगा। शादी के बाद भाभी हमारे साथ ही रहने लगी हम गाँव के सबसे बड़े
परिवार से ह। पिताजी का धयान रखने के लिए नौकर तो था पर नौकर और घर के
सदस्य में रात दिन का अंतर था। भाभी भी मुझसे मजाक किया करती।

एक दिन की बात है मैं बाथरूम में नहाने जा रहा था तो मेने भाभी से मेरी
अंडरवियर और बनियान मांगी। भाभी बोली कि देवर जी आप नहाना तो शुरू करो मैं
ढूँढकर लाती हूँ मेने कहा ठीक है जब मैं नहा लिया और मैं केवल एक पतला सा
टॉवेल लपेटकर खडा था तभी भाभी आई और बोली कि लो अपने अंडरवियर लो यह कहकर
वो दरवाजे के बहार खड़ी होकर दूर से अपना हाथ दिखा रही मेने भाभी से
अंडरवियर लेने के लिए जैसे ही दरवाजा खोला भाभी ने दरवाजे में जोर से
धक्का दिया और मेरे बाथरूम में घुस आई और मेरी कमर पर गुदगुदी करने लगी्।

इस मजाक में वह हो ही गया जिसका मुझे डर था मेरा टॉवेल खुल गया और भाभी के
हाथ में मेरा लिंग आ गया इसी बीच मैं शर्म के मारे बाथरूम से नंगा बाहर
निकल कर भाग गया क्यूंकि उस समय घर पर मेरे और भाभी के अलावा कोई नहीं था
इस बात पर मैं भाभी से इतना नाराज़ हुआ कि पूरा दिन बोला नहीं। पर शाम को
वह मुझसे बोली कि सुरेश तुम मुझसे नाराज़ हो क्या तो मेने अपनी नाराजगी
तोड़ते हुए न कहा दिया। अगले दिन जब मैं पढ़ाई कर रहा था तभी भाभी मुझसे
बोली कि सुरेश मैं नहाने जा रही हूँ तुम कल की बात का बदला लेने की कोशिश
मत करना, तो मैं बोला नहीं भाभी मैं तो उस बात को कबका भूल चूका हूँ।

तभी नहाते हुए भाभी बोली कि सुरेश मुझे एक साबुन लाकर दो मेरा साबुन खत्म
हो गया है मैं बोला अभी तो मैं दुकान जाकर साबुन नहीं ला सकता। भाभी बोली
कि दुकान से लाने को थोड़े ही कह रही हूँ, मेरे ड्रोर में रखा वहीं से ला
दो। जैसे मैं साबुन लेकर आया तो भाभी दरवाजे में से मुह निकालकर झांक रही
थी तो जैसे ही मैंने जैसे ही हाथ बढाया तो भाभी ने साबुन लेने के बहाने
मेरा हाथ पकड़ कर खींच लिया और मैं बाथरूम में गिरने लगा तो भाभी ने हाथ
पकड़कर मुझे संभाला तभी मेरा हाथ उनकी चूत पर पड़ गया। मैंने देखा कि भाभी
बिलकुल नंगी खड़ी थी और उनके बूब्स बहुत बड़े थे और उनके निप्पल गुलाबी रंग
के थे और उनकी चूत पर बहुत बड़े बाल थे और उन बालो के कारण चूत भी ठीक से
नहीं दिख रही थी।

तभी मुझे अपन पेंट में कुछ रेंगने का अनुभव हुआ मैंने देखा जब तक तो भाभी
मेरे पूरे कपडे (पेंट, अंडरवियर) दोनों उतार चुकी थी्। मैं भाभी के सामने
बिलकुल निवस्त्र खडा था और भाभी मेरे लंड को बड़े मजे से चूस रही थी तभी
भाभी ने नीचे लेट कर पोसिशन ६९ में आ गयी और अब वो मेरा लंड चूस रही थी और
मैं उनकी न चाह कर भी उनकी बालो वाली चूत चाट रहा था थोडी देर बाद वह उठी
और मुझसे अपना ७' लंबा लंड मेरी चूत में डालने को कहने लगी

मैंने जैसे ही अपना लंड भाभी की चूत पर रख कर जोर से धक्का दिया वह भाभी
की चूत में न जाकर वहां से फिसलकर पीछे की और सरक गया फिर भाभी बोली जानू
ऐसे नहीं और फिर वह साबुन उठाकर अपने हाथ पर लगाकर मेरे लंड पर रगड़ने लगी
फिर उसके बाद उन्होंने उतना ही साबुन अपनी चूत पर लगा दिया और फिर बोलीं
कि जान अब धक्का दो जैसे ही मैंने जोर से एक धक्का दिया वह चिल्ला पड़ी
आआआआआह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह ईईइह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह
ऊऊऊऊऊह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह फिर मैंने एक और झटका देकर पूरा लंड भाभी की चूत
में समां दिया और अब उनका और मेरा शरीर आपस में रगड़ने लगे उस दिन भाभी ने
मुझे जिन्दगी मैं पहली बार सेक्स करना सिखाया

लेकिन उस सेक्स के बाद मुझे उस गलती पर बड़ा पछतावा हुआ और मैंने भाभी के
कितना भी उकसाने पर ये गलती न दोहराने का संकल्प लिया। एक दिन जब मैं
बाज़ार सामान लेने गया तो मुझे रास्ते जाकर ध्यान आया कि मैं पैसे लाना तो
भूल गया हूँ। जैसे ही मैं घर पैसे लेने वापस आया तो देखा कि भाभी एक नौकर
के साथ चिपकी हुई थी मुझे देख कर वह दूर हट गयी और फिर नौकर मुझे देख कर
चला गया तभी मैंने भाभी से पूंछा तो वह कहने लगी कि तुम्हारे भैया तो बस
काम के कारण बाहर ही रहते है उन्हें तो मुझे संतुष्ट करने का तो उन्हें
कोई ख्याल नहीं रहता और तुम भी मेरे साथ एक बार सेक्स करके ही रह गए अब
तुम ही बताओ ऐसे में मैं क्या करूं

वह बोली तुम्हे तो मेरे साथ ........ ऐतराज़ है मै बोला ऐतराज नहीं है मैं
इस काम को पाप समझता हूँ वह बोली कि तुम मुझे इस तरह खु्श करो कि तुमसे
पाप भी न हो और मुझे मजा भी आ जाये। मैं बोला क्या सच में ऐसा हो सकता हैं
वह बोली कि हाँ क्यूँ नहीं तो मैंने कह दिया ठीक है वो मुझे कमरे मैं ले
गयी और मेरे होठ चूमने लगी तो मैंने मना किया तो वह बोली कि मैं तुमसे
तुम्हारा लंड अपनी चूत में डालने को तो नहीं कह रही हूँ फ़िर उन्होंने मेरे
पूरे कपडे उतार दिए फिर अपने कपडे भी उतार कर बैठ गयी और मेरा लंड जोर जोर
से चूसने लगी तभी मेरी नज़र उनकी चूत पर गयी आज वह बड़ी सुंदर और चिकनी दिख
रही थी अब मुझसे नहीं रहा गया और मैं अपना संकल्प भूलकर पोसिशन ६९ में आकर
भाभी की चूत चाटने लगा।

फिर भाभी ने मुझे उठाकर मेरा मुंह अपने बूब्स पर रख दिया फिर मैंने दोनों
स्तनों से नीचोड़ नीचोड़ कर स्तनपान किया और कुछ देर बाद भाभी की दोनों
टांगें विपरीत दिशा में करके उनकी चूत पर लंड फेरने लगा भाभी के मुह से
आआआह्ह्ह्ह्ह्ह्ह ऊऊऊउह्ह्ह्ह्ह ईईईह्ह्ह्ह्ह्ह निकल पड़ा तभी मैंने भाभी
की चूत पर एक जोर से झटका मारा तो भाभी और तेज़ और तेज़ कह कर मेरा साथ
देने लगी मेरा जोश यह सुनकर दुगना हो गया फिर भाभी और मैं एक साथ स्खलित
हो गए उस दिन मुझे पहली बार से भी ज्यादा आनंद आया अब भाभी और मैं जब भी
हमें मौका मिलता है तब यह खेल खेलते है

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