हाय रीडर्स, बात उन दिनो कि है जब मैं सर्दी के दिनों में धूप सेंक रहाथा, मेरे पड़ोस की कुछ लड़कियां भी छत पे धूप सेंकने आती थींक्योंकि छत पे धूप बहुत अच्छी लगती थी।
मेरे दोस्त की बहन भी धूप सेंकने छत पे ही आती थी। गज़ब कीसेक्स बोम्ब थी वो। उसकी मस्त गांड को देखकर किसी का भी लंडखड़ा हो सकता था। उसको चोदने का बहुत मन तो था लेकिन दोस्तसे डर की वज़ह से कभी हिम्मत नहीं हो पायी थी। मेरी और उसकीबहुत अच्छी दोस्ती थी।
उस दिन मोम डोक्टर के पास गयी हुयी थी। मैं घर पे ब्लु मूवी देखरहा था। मुझे पता भी नहीं चला कि कब प्रीति मेरे पीछे आ के खड़ीहो गयी। वो मूवी देखने लगी। अचानक उसके हाथ से कुछ टकराया,मैने मुड़कर देखा तो प्रीति मेरे सामने थी। मैने पहले तो टीवी ओफ़किया, मुझे समझ नहीं आ रहा था कि क्या करुं। प्रीति ने कहा-तुमतो बहुत गंदे हो, मैंने कहा नहीं बस टाइम पास कर रहा था। भैयाठीक कहते हैं कि तुमसे कोई वास्ता ना रखुं, मुझे उम्मीद नहीं थी कितुम ऐसी मूवीज़ भी देखते होगे। मैंने कहा-मूवी तो तुमने भी देखी है।तो उसका जवाब था-मेरी हिम्मत ही नहीं हुई कुछ कहने की अब मेरीहिम्मत कुछ बढ़ने लगी थी, मैंने उसका हाथ पकड़ लिया और कहाप्लीज़ मोम या डैड से इस बारे में कुछ नहीं कहना जबकि मैं भीजानता था कि वो कुछ कहने वाली नहीं है।
मैंने देखा कि उसने अपना हाथ छुड़ाने की ज़रा भी कोशिश नहीं की।मेरा हौसला और भी बढ़ गया। मैंने उसके हाथ को धीरे धीरे दबानाशुरु किया और उसे अपनी बाहों में भर लिया। शायद फ़िल्म देख केवो भी गरम हो चुकी थी। उसने कोई विरोध नहीं किया।
मैंने उसके होठों को हल्का सा चूम लिया । मैंने उसकी चूची को चूमलिया, उसने कोई जवाब नहीं दिया। वो मस्त हो चुकी थी। मैंने धीरेधीरे अपना हाथ उसकी कमीज़ में डाल दिया और उसके मोम्मे दबानेलगा। मैंने अब मोर्चा सम्भालना शुरु कर दिया था, मैंने धीरे सेउसकी ब्रा के हुक खोल दिये और उसकी कमीज़ और ब्रा को अलगकर दिया शायद वो मज़ा ले रही थी अब उसकी चूचियां मेरे सामनेथी, मैने उसकी चूचियों को अपने मुँह मे डाल लिया। वो तड़प उठी,नहीं जीतू ये ठीक नहीं है, मैंने उसके होठों पे अपने होठों को रखतेहुये कहा जब मज़ा आये तो सब ठीक हो रहा है, उसने कहा अगर संजुको पता लग गया तो?
मैंने कहा उसने कौन उसे बतायेगा। हम इस बात को राज़ ही रखेंगे।मैंने टाइम ना वेस्ट करते हुये उसकी शलवार को भी अलग करदिया। अब वो मेरे सामने सिर्फ़ पैंटी में थी।
मुझे यकीन नहीं हो रहा था कि प्रीति को आज मैं चोदने जा रहा हूं।
मैंने उसकी चूचियां चूसते हुये
Sunday, January 17, 2010
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment