Your Ad Here

Saturday, January 16, 2010

आशा भाभी-२

दोस्तों मैं अजनबी दहिया आपके सामने अपनी पहली कहानी ‘ आशा भाभी ‘ का दूसरा भाग पेश करने जा रहा हूँ।

सबसे पहले मैं गुरूजी का धन्यवाद करता हूँ जिन्होंने मेरी कहानी को समझा और आप लोगों तक प्रकाशित किया। और उन फड़कती हुई चूतों को भी मेरा सलाम जो हमेशा किसी लण्ड की तलाश में रहती हैं। चूतें हमेशा चुदने के लिए ही होती हैं।

पहली घटना के एक महीने बाद मैं फिर से आशा भाभी के शहर में चला गया। मैंने वहां होटल में कमरा लिया और पॉँच दिन तक रुका। मैंने आशा को फ़ोन कर कमरे पे शाम को बुला लिया. वो मेरी पसंद की काली साड़ी में शाम को पाँच बजे वहां आ गई। उसके आते ही मैंने कमरे का दरवाजा अंदर से बंद कर लिया। वो बहुत ही खूबसूरत लग रही थी।

मैंने उसे बाहों में भर लिया और चूमने लगा। वो भी मेरा पूरा साथ दे रही थी। मैंने उसे उठाया और बेड पे लिटा दिया।

मैंने उसके होंठों को जी भरके चूसा। फिर मैंने उसकी काली साड़ी को निकाल फेंका। फिर मैं उसके स्तनों को ब्लाऊज़ के ऊपर से ही मसलने लगा। वो भी मुझे कस के बाहों में लिए हुए थी और बहुत ही खुश थी क्योंकि मेरी पहली चुदाई से ही वो गर्भवती हुई थी। जिन्दगी में उसे मेरी वजह से पहली बार माँ का सुख मिल रहा था।

मैंने उसके ब्लाऊज़ और पेटीकोट को उतार दिया। अब वो ब्रा और पेंटी में थी और बड़ी ही सेक्सी लग रही थी। मैंने भी अपने कपड़े उतार दिए और उसे चूमने लगा। एक हाथ से मैं उसके छोटे-२ स्तन सहला रहा था। मैंने उसकी पेंटी में हाथ डाला तो वो गीली हो चुकी थी। उसकी चूत ने पानी छोड़ दिया था। मैं उसकी चूत में ऊँगली घुमाने लगा।

मैंने उसकी ब्रा को भी निकाल फेंका, अब हम दोनों पूरे नंगे हो चुके थे। मैं उसके दोनों बूब्स को बारी-२ से सहला रहा था और उसके रस भरे होंठों को चूम रहा था।

अब आशा ने मेरे लंड को अपने हाथ में पकड़ लिया और सहलाने लगी। अब हम दोनों ६९ पोज़िशन में आ गए। वो मेरे लण्ड को लॉलीपोप की तरह बड़े ही मजे से चूस रही थी और मैं उसकी चूत को चाट रहा था। करीब पन्द्रह मिनट बाद हम अलग हुए। वो दो बार झड़ चुकी थी। अब उससे बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं हो रहा था।

उसने मुझसे कहा- अब जल्दी से ऊपर आ जाओ !

मैंने अपने लण्ड को निशाने पे फिट किया और उसकी बूर पे रखकर एक जोरदार झटका मारा, वो दर्द के मारे कराहने लगी। मैं उसके स्तन मसलने लगा।

जब उसका दर्द कुछ कम हुआ तो मैंने एक और जोरदार शोट मारा और पूरा का पूरा लण्ड उसकी चूत की गहराई में समां गया। वो एक बार फिर दर्द से चिल्ला उठी और आऽऽआआऽऽऽऽऽऽआ आह्ह्ह्ह्ह् ईईइऽऽऽ ऊऊऊऊऊह्ह्ह् की आवाजें करने लगी। मैंने उसके होंठों पे अपने होंठ रख दिए।

जब उसका दर्द कम हो गया तो वो कहने लगी- जोर से चोदो मेरे राजा ! आज इस चूत का भोसड़ा बना दो ! और जोर से ………. और जोर से ! आज मुझे छोड़ना नहीं मेरे रजा ………….. मुझे आज पेल दो आज …………………..!

मैं जोर-२ से धक्के लगाने लगा। आशा भाभी भी मेरा पूरा साथ दे रही थी और नीचे से गांड उठा २ झटके मार रही थी। करीब पन्द्रह मिनट बाद मैंने कहा- अब मैं झड़ने वाला हूँ।

इससे पहले वो दो बार झड़ चुकी थी, तो उसने कहा- स्पीड बढ़ा दो !

मैं तेज-२ झटके लगाने लगा और १०-१५ झटकों के बाद मेरा लावा उसकी चूत में समां गया। वो आज बहुत ही खुश हुई।

फिर मैंने उसे अगले दिन कुतिया बना के भी चोदा।

इस तरह आज वो माँ बनने वाली है और आज भी मुझसे बहुत प्यार करती है।

दोस्तों आशा करता हूँ मेरी यह कहानी भी पहली कहानी की तरह आपको बहुत पसंद आएगी, इसी विश्वास के साथ यहीं ख़त्म कर रहा हूँ पर मेल भेजना न भूलिएगा।


No comments:

Post a Comment

Do you believe Lawrence Taylor is innocent of the rape charge?

 
Disclaimer:
This site does not store any files on its server.We only index and link to content provided by other sites and also if you feel any copyrighted material is seen in this blog
please feel to write us....kkusuma1984@yahoo.com
eXTReMe Tracker